अप्रैल में करें इन सब्जियों की खेती April Me Konsi Sabji Lagaye 2024

अप्रैल में करें इन सब्जियों की खेती April Me Konsi Sabji Lagaye 2024 | april me bone wali sabji

April me konsi kheti kare :- देश के अधिकतर हिस्सों में रबी फसलों की कटाई शुरू हो चुकी है. ऐसे में आने वाले 2-3 महीने खेत खाली रखने की बजाए किसान कई हरी सब्जियों की खेती कर सकते है  देश में हरी सब्जियों की मांग बहुत अधिक है. हालांकि, सब्जियों का उत्पादन मांग के हिसाब से काफी कम है. ऐसे में किसान अप्रैल महीने में हरी सब्जियों की खेती करके अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं.

अगर आपके मन में भी ये विचार आ रहा है कि अप्रैल माह में आपको अपने खेत में कौन सी सब्जी लगाना चाहिए, तो आपको नीचे अप्रैल महीने में लगाई जाने वाली कुछ प्रमुख सब्जियों के नाम दिए जा रहें हैं जिन्हें आप अपने खेत में आसानी से उगा सकते हैं। अप्रैल में बोई जाने वाली सब्जियों के नाम निम्न हैं: april me bone wali sabji

Vegetables to Grow in April in India in Hindi

  1. धनिया – Coriander
  2. पालक – Spinach
  3. बैंगन – Eggplant
  4. पत्तागोभी – Cabbage
  5. कद्दू – Pumpkin
  6. भिण्डी – Okra
  7. टमाटर- Tomato
  8. खीरा – Cucumber
  9.  लौकी – Bottle Gourd
  10.  बरबटी – Lobia
  11.  अमरंथ – Amaranth
  12.  ग्वार फली – Guar or Cluster Bean
  13.  करेला – Bitter gourd
  14.  प्याज – Onion इत्यादि।

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April Me Konsi Sabji Lagaye

धनिया – Dhaniya ki kheti

धनिया की खेती मार्च और April Me में की जाती है. इस मौसम में धनिया की मांग काफी ज्यादा होती है, जिससे आपको इसकी ज्यादा अच्छी कीमत मिल जाती है. धनिया की खेती में आप इसकी हरी पत्तियों को बेच सकते है और इसके साथ ही फल लग जाने पर भी अच्छी कमाई होती है.

लगभग हम सभी के घर में धनिया रसोई में इस्तेमाल की जाती है। यह खाने का स्वाद बढ़ाने के साथ-साथ हमारे स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद है। घर पर गमले में धनिया उगाने की सामान्य जानकारी निम्न है:

  • धनिया के बीज लगाने की गहराई – लगभग 1/2 इंच
  • बीज अंकुरित होने में समय – लगभग 6-12 दिन
  • हार्वेस्टिंग टाइम – 40-50 दिन के अन्दर।

पालक – Palak ki kheti

मार्च अप्रैल में गर्मी बढ़ जाने के कारण पालक की मांग काफी बढ़ जाती है. अधिकांश किसानों के पास सिंचाई की उत्तम व्यवस्था न होने के कारण इसकी खेती नहीं कर पाते हैं. जो पालक की खेती करते है उन्हें काफी अच्छा दाम मिल जाता है.

पालक एक हरी पत्तेदार सब्जी है तथा इसमें पाए जाने वाले पोषक तत्व हमारे स्वास्थ्य के लिए बेहद फायदेमंद होते हैं। घर पर पालक उगाने की सामान्य जानकारी निम्न हैं:

  • मिट्टी में पालक के बीज लगाने की गहराई – लगभग 1/2 से 1 इंच
  • बीज अंकुरित होने में समय – लगभग 5 से 14 दिन
  • पालक की कटाई का समय – लगभग 45 से 60 दिन

बैंगन – Baingan ki kheti

इस समय शादियों का सीजन शुरू हो जाता है. इसलिए बहुत अधिक मात्रा में सब्जी की खपत होती है. शादी जैसे कार्यक्रमों में बैंगन की बहुत मांग होती है. इसलिए अगर आप मार्च-अप्रैल में बैंगन की खेती करते हैं तब आपको काफी अच्छी कमाई हो सकती है.

हम सभी अपने घरों में बैंगन का उपयोग कई तरह के स्वादिष्ट व्यंजनों को बनाने के लिए करते है। बैंगन में कई प्रकार के पोषक तत्व तथा विटामिन्स पाए जाते हैं जो हमारे स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होते हैं। घर पर बैंगन उगाने से जुड़ी सामान्य जानकारी निम्न है:

  • बैंगन के बीज लगाने की गहराई – 0.5 सेमी. या ¼ इंच
  • बीज अंकुरित होने में समय – लगभग 5 से 14 दिन
  • बैंगन हार्वेस्टिंग टाइम – लगभग 60 से 70 दिन

पत्तागोभी – Gobi Ki Kheti

जैसा कि इसके नाम से ही पता चलता है यह एक पत्तेदार सब्जी है, जिसका उपयोग खाने के लिए किया जाता है। पत्ता गोभी में कैल्शियम, आयरन, मैग्नीशियम, सोडियम, पोटेशियम और प्रोटीन जैसे कई पोषक तत्व पाये जाते हैं।गर्मियों में ज्यादातर लोग हरी पत्तेदार सब्जियों को खाना पसंद करते हैं. ऐसे में पत्ता गोभी से अच्छी कमाई की जा सकती है.  घर पर पत्तागोभी के बीज उगाने की जानकारी इस प्रकार है:

  • पत्तागोभी के बीज लगाने की गहराई – लगभग 0.5 सेमी. या ¼ इंच
  • बीज अंकुरित होने में समय – लगभग 6 से 15 दिन
  • पत्तागोभी हार्वेस्टिंग टाइम – लगभग 70 से 100 दिन

कद्दू – Pumpkin

कद्दू को जुलाई-अगस्त में बड़ी पैमाने पर उगाया जाता है, लेकिन गर्मी के मौसम में कद्दू आपको अच्छी कमाई दे सकता है. इस मौसम में कद्दू की पैदावार भी काफी कम होती है, कद्दू एक लता या बेल वाली सब्जी का पौधा है। इसके फल का उपयोग सब्जी या सूप बनाने में किया जाता है। कद्दू की सब्जी हमारे स्वास्थ के लिए बहुत ही फायदेमंद होती है। इसलिए इसके दाम ज्यादा होते हैं. इसके साथ इसे लगाने के लिए ज्यादा जमीन की आवश्यकता नहीं होती है. कद्दू लगाने की जानकारी इस प्रकार है:

  • कद्दू के बीज लगाने की गहराई – लगभग 1 इंच
  • बीज अंकुरित होने में समय – लगभग 7 से 10 दिन
  • हार्वेस्टिंग टाइम – लगभग 85 से 120 दिन

भिण्डी – Bhindi Ki Kheti

भिण्डी बहुमूल्य पोषक तत्वों का भंडार है। इसमें विटामिन सी, विटामिन ई व जिंक भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं। भिंडी का नियमित सेवन कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने में मदद करता है। भिण्डी को ओकरा या लेडी फिंगर नाम से भी जाना जाता है। अप्रैल के महीने में भिंडी उगाने की सामान्य जानकारी निम्न है भिंडी की फसल सारा साल उगाई जाती है और यह मैलवैसीआई प्रजाति से संबंधित है। इसका मूल स्थान इथीओपिया है। यह विशेष तौर पर उष्ण और उपउष्ण क्षेत्रों में उगाई जाती है। भारत में भिंडी उगाने वाले मुख्य प्रांत उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिमी बंगाल और उड़ीसा हैं। भिंडी की खेती विशेष तौर पर इसे लगने वाले हरे फल के कारण की जाती है। इसके सूखे फल और छिल्के को कागज़ उदयोग में और रेशा (फाइबर) निकालने के लिए प्रयोग किया जाता है। भिंडी विटामिन, प्रोटीन, कैल्शियम और अन्य खनिजों का मुख्य स्त्रोत है।

  • मिट्टी में भिण्डी के बीज लगाने की गहराई – लगभग ½ से 1 इंच
  • बीज अंकुरित होने में समय – लगभग 5 से 10 दिन
  • हार्वेस्टिंग टाइम – लगभग 60-65 दिन में कोमल फल आने पर

टमाटर – Tamater Ki Kheti

टमाटर की फसल दक्षिण अमेरिका के पेरू इलाके में पहली बार पैदा की गई। यह भारत की महत्तवपूर्ण व्यापारिक फसल है। यह फसल दुनिया भर में आलू के बाद दूसरे नंबर की सब से महत्तवपूर्ण फसल है। इसे फल की तरह कच्चा और पकाकर भी खाया जा सकता है। यह विटामिन ए, सी, पोटाश्यिम और अन्य खनिजों का भरपूर स्त्रोत है। इसका प्रयोग जूस,  सूप,  पाउडर और कैचअप बनाने के लिए भी किया जाता है। इस फसल की प्रमुख पैदावार बिहार,  कर्नाटक,  उत्तर प्रदेश,  उड़ीसा,  महांराष्ट्र,  आंध्र प्रदेश,  मध्य प्रदेश और पश्चिमी बंगाल में की जाती है। पंजाब में इस फसल की पैदावार अमृतसर,  रोपड़,  जालंधर,  होशियारपुर आदि जिलों में की जाती है। April Me Konsi Sabji Lagaye

आमतौर पर टमाटर एक ऐसी सब्जी है जिसका उपयोग अधिकतर रसोई में किया जाता है। इसे सालभर उगाया जा सकता है। रसीले व स्वादिष्ट लाल टमाटर हमारे स्वास्थ्य के लिए बेहद फायदेमंद होते हैं। अप्रैल की गार्डनिंग के दौरान टमाटर उगाने की सामान्य जानकारी निम्न है:

  • टमाटर के बीज लगाने की गहराई – लगभग 1/4 से 1/2 इंच
  • बीज अंकुरित होने में समय – लगभग 7 से 14 दिन
  • हार्वेस्टिंग टाइम – लगभग 2-3 महीने में

खीरा – Cucumber Ki Kheti

खीरे का वानस्पतिक नाम कुकुमिस स्टीव्स है| खीरे का मूल स्थान भारत है| यह एक बेल की तरह लटकने वाला पौधा है जिसका प्रयोग सारे भारत में गर्मियों में सब्ज़ी के रूप में किया जाता हैं| खीरे के फल को कच्चा, सलाद या सब्जियों के रूप में प्रयोग किया जाता है| खीरे के बीजों का प्रयोग तेल निकालने के लिए किया जाता है जो शरीर और दिमाग के लिए बहुत बढ़िया है| खीरे में 96% पानी होता हैं, जो गर्मी के मौसम में अच्छा होता है| इस पौधे का आकार बड़ा, पत्ते बालों वाले और त्रिकोणीय आकार के होते है और इसके फूल पीले रंग के होते हैं| खीरा एम बी (मोलिब्डेनम) और विटामिन का अच्छा स्त्रोत है| खीरे का प्रयोग त्वचा, किडनी और दिल की समस्याओं के इलाज और अल्कालाइज़र के रूप में किया जाता है  April Me Konsi Sabji Lagaye

खीरा में कई अन्य पोषक तत्वों के साथ-साथ पानी की मात्रा लगभग 95% होती है। गर्मियों के समय खीरा खाना हमारे शरीर में पानी की कमी को दूर करता है। खीरे में भरपूर मात्रा में विटामिन A, विटामिन K, मैग्नीशियम, पोटेशियम, कैल्शियम, आयरन, कॉपर, ज़िंक और कई अन्य पोषक तत्व पाये जाते हैं। खीरा उगाने की सामान्य जानकारी निम्न है: april me konsi kheti kare

  • मिट्टी में खीरा के बीज लगाने की गहराई – लगभग 0.5 से 1 इंच
  • बीज अंकुरित होने में समय – लगभग 7 से 10 दिन
  • हार्वेस्टिंग टाइम – लगभग 50 से 70 दिन

लौकी – Bottle Gourd Ki Kheti

की की खेती एक बहुत ही अच्छी खेती है इसमें किसान को कम मेहनत में ज्यादा फायदा होता है. ज्वार, बाजरा, गेहूं, धान, जौ, आलू, चना, सरसों की अपेक्षा सब्जियों की खेती में कमाई ज्यादा है. लेकिन ये मुनाफा काफी कुछ इस बात पर निर्भर करता है कि आप खेती किस तकनीकी से करते हैं. जहां पहले किसान धान, गेहूं और मोटे अनाजों की पैदावार को अपनी आय का एक मात्र जरिया मानते थे, वहीं वर्तमान समय में किसानों ने इस सोच से आगे बढक़र आलू, टमाटर, बैंगन, मिर्च, तोरई, कद्दू, खीरा आदि जैसी सीजनल फसलों की खेती कर कमाई का जरिया ही नहीं बनाया है बल्कि इनकी खेती से पूरे साल लाखों रुपये की कमाई भी कर रहे हैं.

अप्रैल के महीने में अपने गार्डन में लौकी उगाना एक अच्छा विचार है। लौकी का पौधा एक लता या बेल के रूप में बढ़ता है। यह सेहत के लिए बहुत ही फायदेमंद होती है। इसे अपने घर पर गमले या ग्रो बैग में आसानी से उगाया जा सकता है। लौकी उगाने की सामान्य जानकारी निम्न है:

  • लौकी के बीज लगाने की गहराई – लगभग 1 इंच
  • बीज अंकुरित होने में समय – लगभग 7 से 14 दिन
  • हार्वेस्टिंग टाइम – लगभग 55 से 70 दिन

ग्वार फली – Cluster Beans Ki Kheti

दलहनी फसलों में ग्वार फली का विशेष योगदान है।  april me konsi kheti kare यह मुख्य रूप से राजस्थान, गुजरात, हरियाणा, उत्तर प्रदेश में उगाया जाता है। भारत में ग्वार फली के क्षेत्रफल और उत्पादन की दृष्टि से राजस्थान का प्रथम स्थान है। इस फसल से गोंद का उत्पादन होता है जिसे ग्वार गम कहा जाता है और इसका विदेशों में निर्यात किया जाता है। इसके बीज में प्रोटीन – 18%, फाइबर-  32% और एंडोस्पर्म में लगभग 30-33% गोंद होता है। April Me Konsi Sabji Lagaye

ग्वार फली को क्लस्टर बीन्स (Cluster Beans) भी कहते हैं। क्लस्टर बीन्स को घर में गार्डन में या गमले में आसानी से उगाया जा सकता है। ग्वार फलियां अंकुरित करने में बहुत आसान होती हैं। यह आपके खाने में  बेहतर स्वाद देने के साथ -साथ आपके स्वास्थ्य को अच्छा बनाए रखने में भी मदद करती हैं। ग्वार फली उगाने के लिए सामान्य जानकारी निम्न है, जैसे:

  • क्लस्टर बीन्स के बीज लगाने की गहराई – लगभग 0.5 से 1 इंच
  • बीज अंकुरित होने में समय – लगभग 2 से 6 दिन
  • हार्वेस्टिंग टाइम – लगभग 50 से 90 दिन

करेला – Bitter gourd April Me Sabji Lagaye

करेले की खेती से किसानों को मालामाल बना रही है. किसानों की सफलता की यह कहानी, अन्य किसानों को भी करेले की खेती की तरफ आकर्षित कर रही है. असल में उत्तर प्रदेश के हरदोई जिले के किसान करेले की खेती से खूब लाभ कमा रहे हैं. लेकिन, करेले की खेती से लाभ कमाने की कहानी की पटकथा के पीछे खेत तैयार करने के महत्वपूर्ण भूमिका है. आईए जानते हैं कि करेले की खेती करने वाले किसानों की सक्सेस स्टोरी और उन्होंने किस तरीके से खेत तैयार किए. जिससे करेले की खेती से वह मोटा मुनाफा कमा सके.

करेला हमारे स्वास्थ्य के लिए कई पोषक तत्व प्रदान करता है। यह खाने में कड़वा होता है पर इसमें मौजूद विटामिन्स हमें रोगों से दूर रखने में हमारी मदद करते हैं। यदि आप अप्रैल के महीने में करेला उगाना चाहते हैं, तो इससे सम्बंधित सामान्य जानकारी निम्न है:

  • मिट्टी में करेला के बीज लगाने की गहराई – लगभग 1 इंच
  • बीज अंकुरित होने में समय – लगभग 5 से 10 दिन
  • हार्वेस्टिंग टाइम – लगभग 60 से 65 दिन

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