जामुन की खेती कैसे करे Jamun Ki Kheti Kaise Kare
Jamun Cultivation Project hindi जामुन (सिज़ेगियम क्यूमिनी) एक बहुत ही स्वादिष्ट फल है जो सभी को पसंद है यह इसे जावा प्लम और भारतीय ब्लैकबेरी भी कहा जाता है। यह आयरन का एक समृद्ध स्रोत है। इन जामुन फलों के बीज मधुमेह के रोगियों के लिए दवा के रूप में उपयोग किए जाते हैं। जामुन के बीज का चूर्ण मूत्र में शर्करा की मात्रा को कम करेगा। इन सभी उपयोगी गुणों के होने से बाजार में जामुन की मांग बढ़ रही थी।
और जामुन की फार्मिंग भी अच्छे लेवल पर हो रही है एक एकड़ जमीन में जामुन की खेती कर किसान 2 लाख रुपये कमा सकता हैं। महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु, गुजरात और असम भारत के प्रमुख जामुन उत्पादक राज्य हैं तो कोई भी person यदि Jamun Cultivation करना चाहता है तो इस आर्टिकल में Jamun Cultivation के बारे में विस्तार से बतायेंगे |
SHAKARKANDI KI KHETI KAISE KAREN
Jamun Ki Kheti के लिए जामुन की संकर किस्में
Jamun hybrid varieties for commercial cultivation :-
- रा जामुन
- नरेंद्र जामुन
- गोमा प्रियंका
- धुप्पल
जामुन की खेती के लिए जलवायु और तापमान
जामुन की खेती समशीतोष्ण और उष्णकटिबंधीय जलवायु वाली जगहों पर की जा सकती है. ठंडे एरिया को छोड़कर कहीं पर भी लगाया जा सकता है. इसके पेड़ पर सर्दी, गर्मी और बरसात का कोई ख़ास असर नहीं पड़ता है. लेकिन सदियों में पड़ने वाला पाला और गर्मियों में अत्यधिक तेज़ गर्मी इसके लिए नुकसानदायक साबित हुई है. इसके फलों को पकने में बारिश का ख़ास योगदान होता है. लेकिन फूल बनने के दौरान होने वाली बारिश इसके लिए नुकसानदायक होती है.
इसके पौधे को अंकुरित होने के लिए 20 डिग्री के आसपास तापमान की आवश्यकता होती है. अंकुरित होने के बाद पौधों को विकास करने के लिए सामान्य तापमान की जरूरत होती है |
Jamun Ki Kheti भूमि की तैयारी
जामुन एक बारहमासी फसल है, बाग की स्थापना के हर पहलू को सावधानीपूर्वक किया जाना चाहिए अन्यथा यह किसानों को नुकसान और कर्जे में धकेल सकता है। भूमि की तैयारी में गड्ढे खोदने के साथ खेत की मशीनरी की मदद से भूमि की जुताई और समतल करना शामिल है। इन सभी कार्यों को कृषि मशीनरी की सहायता से करने की आवश्यकता है,
खेत को समतल बनाने के बाद 5 से 7 मीटर की दूरी पर एक मीटर व्यास वाले डेढ़ से दो फिट गहरे गड्डे तैयार कर लें. इन गड्डों में उचित मात्रा में जैविक और रासायनिक खाद को मिट्टी में मिलकर भर दें. खाद और मिट्टी के मिश्रण को गड्डों में भरने के बाद उनकी गहरी सिंचाई कर ढक दें. इन गड्डों को बीज या पौध रोपाई के एक महीने पहले तैयार किया जाता है |
Jamun की खेती के लिए पौध तैयार करना
जामुन के पौधे बीज और कलम के माध्यम से तैयार किये जाते हैं. इसके अलावा इसके पौधे सरकार द्वारा रजिस्टर्ड नर्सरी में भी मिल जाते हैं लेकिन यदि टाइम की कमाई है और जल्दी से बाग लगाना चाहते है तो द्वारा रजिस्टर्ड नर्सरी से खरीदे क्योंकि कलम और बीज से पौधा तैयार करने में लगभग 3 से 5 महीने का टाइम लग जाता हैं. इस कारण ज्यादातर किसान भाई इन्हें नर्सरी से खरीदकर ही उगाते हैं.
Jamun Ki Kheti के लिए पौध रोपाई का टाइम और तरीका
जब जमीन और पौधे सही तेयार कर ली जाये फिर पौध की रोपाई की जाती है जामुन के पौधे बीज और कलम दोनों माध्यम से लगाए जा सकते हैं लेकिन बीज के माध्यम से लगाए गए पौधे फल देने में ज्यादा बहुत समय लगता है और बीज से पौधों को उगाने के लिए एक गड्डे में एक या दो बीज को लगभग 5 सेंटीमीटर की गहराई में लगाना चाहिए. उसके बाद जब पौधा अंकुरित हो जाए तब अच्छे से विकास कर रहे पौधे को रखकर दूसरे पौधे को हटा देना चाहिए
जबकि कलम पौध के माध्यम से पौधों को लगाने के लिए पहले तैयार किये गए गड्डों में खुरपी की सहायता से एक और छोटा गड्डा तैयार किया जाता है. इस गड्डे में इसकी कलम को लगाया जाता है. इसकी कलम को तैयार किये गए गड्डे में लगाने से पहले उसे बाविस्टिन से उपचारित कर लेना चाहिए. उसके बाद पौधों को तैयार किये गए गड्डों में लगाकर उसे चारों तरफ से अच्छे से मिट्टी में दबा देना चाहिए.
जामुन के पौधे बारिश के मौसम में लगाने चाहिए. इससे पौधा अच्छे से विकास करता है. क्योंकि बारिश के मौसम में पौधे को विकास करने के लिए अनुकूल तापमान मिलता रहता है. जबकि बीज के माध्यम से इसके पौधे तैयार करने के लिए इन्हें बारिश या बारिश के मौसम से पहले उगाया जाता हैं. बारिश के मौसम से पहले इन्हें मध्य फरवरी से मार्च के लास्ट तक उगाया जाता है.
SHAKARKANDI KI KHETI KAISE KAREN
Jamun की खेती पौधों की सिंचाई Jamun Cultivation Project hindi
जामुन के पौधे को ज्यादा सिचाई की जरुरत नही होती है लेकिन शुरुआत में इसके पौधों को सिंचाई की आवश्यकता होती है. इसके पौधों या बीज को खेत में तैयार किया गए गड्डों में लगाने के तुरंत बाद उनकी पहली सिंचाई कर देनी चाहिए. उसके बाद गर्मियों के मौसम में पौधों को सप्ताह में एक बार पानी देना चाहिए. और सर्दियों के मौसम में 15 दिन के अंतराल में पानी देना चाहिए |
ड्रिप सिंचाई से सिंचाई करनी चाहिए। इसकी कीमत करीब एक लाख रुपये हो सकती है। सब्सिडी के तहत एक एकड़ में ड्रिप लगाने के लिए 20, 000 और बिजली बिल आदि का भुगतान करने के लिए किसान को एक और रु। 1000 प्रति वर्ष। Jamun Ki Kheti Kaise Kare
Jamun की खेती में उर्वरक की मात्रा
जामुन के पेड़ों को उर्वरक की ज्यादा जरुरत नहीं होती है इसमें सामान्य उर्वरक की जरुरत पड़ती है पौधों को खेत में लगाने से पहले तैयार किये गए गड्डों में 10 से 15 किलो पुरानी सड़ी गोबर की खाद को मिट्टी में मिलाकर गड्डों में भर दें. गोबर की खाद की जगह वर्मी कम्पोस्ट खाद डाले
लेकिन जैविक खाद के साथ प्रत्येक पौधों को 100 ग्राम एन.पी.के. की मात्रा को साल में तीन बार देना चाहिए. पूर्ण रूप से विकसित वृक्ष को 50 से 60 किलो जैविक और एक किलो रासायनिक खाद की मात्रा साल में चार बार देनी चाहिए.
Jamun Ki Kheti में खरपतवार प्रबंधन (Weed management)
जामुन के पेड़ो के आसपास खरपतवार बढ़ने से कीट व रोगों की समस्या बढ़ जाती है. हाथ या कृषि यंत्र से खरपतवार निकालने का काम करें पौधों की पहली गुड़ाई बीज और पौध रोपण के 18 से 20 दिन बाद करनी चाहिए फिर लगातार गुड़ाई करते रहे जिस से खरपतवार न हो इसमें सालभर में 7 से 10 गुड़ाई और व्यस्क होने के बाद चार से पांच गुड़ाई की जरूरत होती है |
Jamun Ki Kheti में पौधों की देखभाल Jamun Cultivation Project hindi
जामुन के पेड़ों को वैसे तो ज्यादा देखभाल की जरुरत नही होती है लेकिन अच्छे फल के लिए देखभाल करनी चाहिए इसके पौधों पर एक मीटर की ऊंचाई तक कोई भी नई शाखा नही आने दे जिस से पेड़ अच्छे से बढे और पेड़ों का तना अच्छा मजबूत बनता है | Jamun Ki Kheti Kaise Kare
जामुन के फलों को तोडना और उनकी सफाई Jamun Ki Kheti Kaise Kare
Jamun के फल पकने के बाद बैंगनी काले रंग के दिखाई देते हैं तो उस समय फल सही पक जाते है फूल खिलने के लगभग डेढ़ महीने बाद पकने शुरू हो जाते हैं. फिर एक बारिश के बाद फल पक जाते है क्योकि बारिश के होने से फल जल्दी और अच्छे से पकते हैं ,लेकिन इस से थोड़े बहुत फल खराब हो जाते है क्योंकि फलों के गिरने पर फल जल्दी ख़राब हो जाते हैं |
जामुन के फल पकने के बाद तुड़ाई करे और फलों की तुड़ाई करने के बाद उन्हें ठंडे पानी से धोना चाहिए. फलों को धोने के बाद उन्हें जालीदार बाँस की टोकरियों में भरकर पैक किया जाता है. फलों को टोकरियों में भरने से पहले खराब दिखाई देने वाले फलों को अलग कर लेना चाहिए |
एक पौधे से 80 से 100 किलो तक जामुन उतार सकते है एक एकड़ में इसके लगभग 100 से ज्यादा पेड़ लगा सकते है जिनका कुल उत्पादन 10000 किलो तक हो सकता है और एकड़ से लगभग 8 लाख तक की कमाई आसानी से कर सकते हैं |
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